535. मुस्तहब है कि मरने के बाद मैयित की आखें और होंट बन्द कर दिये जायें और उसकी ठोडी को बाँध दिया जाए और उसके हाथ, पैर सीधे करके उसके ऊपर एक कपड़ा डाल दिया जाये। अगर मौत रात में हुई हो तो जहाँ मौत हुई हो वहाँ चिराग़ जलाए और उसके जनाज़े में शिर्कत के लिए मोमेनीन को खबर दे। मैयित को दफ़्न करने में जल्दी करे, लेकिन अगर उस इंसान के मरने का यक़ीन न हो तो इन्तेज़ार करे ताकि सही तौर पर मालूम हो सके। इसके अलावा अगर मैयित हामिलः हो और बच्चा उसके पेट में ज़िन्दा हो तो ज़रूरी है कि दफ़्न करने में इतनी देर करें कि उसका बायाँ पहलू चाक करके बच्चा बाहर निकाल लें और फिर उस पहलू को सी दें।