वाजिब नमाज़ें

छः नामाजें वाजिब हैं

(1) रोज़ाना की नमाज़

(2) नमाज़े आयात

(3) नमाज़े मैयित।

(4)  नमाज़े तवाफ़े वाजिब ख़ान-ए-काबा (जैसे उमर ए तमत्तो, उमरए मुफ़रदा की नमाज़े तवाफ़ व नमाज़े तवाफ़े हज्जे तमत्तो व नमाज़े तवाफ़े निसा।)

(5) बाप की क़ज़ा नमाज़ जो बड़े बेटे पर वाजिब होती है। इसी तरह से एहतियाते वाजिब की बिना पर माँ की क़ज़ा नमाज़े।

(6) जो नमाज़ें इजारे, क़सम और अहद की वजह से वाजिब होती हैं।[1]


[1]वह नमाज़ें जो नज़र, क़सम व ्हद की वजह से वाजिब होती हैं, खुद नमाज़ वाजिब नही है बल्कि अक़्दे इजारे व नज़र व क़सम व अहद की वफ़ा वाजिब है।